लखनऊ। इस समय सहालग का दौर चल रहा है। सहालग समाप्त होने में अब मात्र एक सप्ताह का समय ही बाकी है। ऐसे में एक दिन में कई-कई शादियां हो रही हैं। इस साल 15 दिसंबर तक विवाह के लग्न हाेंगे। इसके बाद खरमास शुरू हो जाएंगे। इस बीच एक-एक तिथि पर कई-कई शादियां हैं। इससे पंडित एक साथ कई शादियां कराने के लिए टीम की मदद ले रहे हैं।
सहालग के मौसम में आयोजकों के लिए पंडित का प्रबंध करना किसी चुनौती से कम नहीं है। एक ही दिन में एक से अधिक वैवाहिक कार्यक्रम होने से पंडितों की भी पहले से बुकिंग करनी पड़ रही है। ऐसे में पहले से प्रबंध नहीं करने वाले आयोजकों को शिक्षा ग्रहण कर रहे आचार्यों की मदद लेनी पड़ रही है। आचार्य शिवेंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि दिसंबर में शादियों के लिए सिर्फ पांच शुभ मुहूर्त बचे हैं। इन मुहूर्तों में वैवाहिक आयोजन संपन्न कराने वाले पंडित पहले से बुक हो चुके हैं। नौ, 10, 11, 14 व 15 दिसंबर को शादियों का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद इस सीजन में अब शादियां नहीं हैं। अगले साल मकर संक्राति के बाद ही शादियां हो सकेंगी। आमतौर पर दिसंबर के पूरे महीने में शादियां हुआ करती हैं।
एक दिन में हो रही करीब 500 शादियां
शादी विवाह में विद्वान पंडितों का विशेष महत्व है। आचार्य शिवेंद्र के अनुसार बिना पंडित के वैवाहिक अनुष्ठान पूरा नहीं होता है। द्वारचार, पाणिग्रहण व वैवाहिक अनुष्ठान विधिविधान से करवाने में करीब छह घंटे लगते हैं। 15 दिसबर तक वैवाहिक शुभ मुहूर्त है। एक दिन में तकरीबन 500 शादियां जिले में हो रही हैं। विधिविधान से संस्कार करवाने के लिए सिर्फ एक दिन में एक ही कार्यक्रम में शामिल हो पाना संभव हो सकेगा।