लखनऊ। प्रदेश में कार्यरत अमीन अब पिस्टल, रिवॉल्वर सहित अन्य शस्त्रों भी ले सकेंगे। अंग्रेजों के समय से ही अमीनों को बंदूक का लाइसेंस जारी किए जाने की प्रथा रही है। इसमें अब बदलाव करके बंदूक के स्थान पर पिस्टल, रिवॉल्वर व राइफल जैसे शस्त्रों के लाइसेंस जारी किए जाने की व्यवस्था की जा रही है। इस संबंध में राजस्व परिषद ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
राजस्व परिषद की स्थापना 1831 में प्रयागराज में की गई थी। उसके बाद से लेकर अभी तक अमीनों को सुरक्षा के मद्देनजर बंदूक का ही लाइसेंस दिया जाता था। भूमि के सर्वेक्षण से लेकर वसूली के तमाम काम अमीनों से करवाए जा रहे हैं। यही वजह है कि अमीन संघ की मांग पर राजस्व परिषद ने अब उन्हें बंदूक की बजाय अन्य शस्त्र का लाइसेंस देने की व्यवस्था लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। खास बात यह होगी कि इसके लिए अमीनों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं होगा, बल्कि परिषद प्रबंधन की संस्तुति पर ही लाइसेंस जारी किए जाएगा।
वहीं अमीनों से ज्यादा काम लेने के लिए परिषद ने उन्हें मिलने वाला साइकिल भत्ता 300 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये करने की तैयारी शुरू कर दी है। लेखपालों को पहले से ही 1,500 वाहन भत्ता दिया जा रहा है। राजस्व परिषद वेतन का दस गुणा वसूली का लक्ष्य भी अमीनों को देने की तैयारी कर रहा है। इस बारे में अमीन संघ के महामंत्री सुभाष चंद्र सिंह व प्रांतीय प्रवक्ता सीके द्विवेदी ने बताया कि परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार के साथ बैठक में अमीनों की कई मांगें मानने पर सहमति बन गई है। इस संबंध में शासन से प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।