महाकुंभ नगर। महाकुंभ में मंगलवार की रात भीड़ का दबाव इतना बढ़ा कि भगदड़ मच गई। इसमें 17 लोगों की मौत हो गई, हालांकि मरने वालों की संख्या कहीं अधिक बताई जा रही है। बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। वहीं, प्रशासन का कहना है हालात नियंत्रण में हैं, स्नान अनवरत जारी है। लोग संगम तट पर स्नान कर रहे हैं।

प्रशासन ने तीर्थयात्रियों अपील

भगदड़ हादसे के बाद सभी तीर्थयात्रियों से विनम्र आग्रह किया जा रहा है कि संगम की ओर आने की कोशिश ना करें। अन्य घाटों पर स्नान करें और अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें। महाकुंभ क्षेत्र में लगे सैकड़ों माइक पर यही आवाज गूंज रही है, जो भगदड़ की दिल दहलाने वाली तस्वीर की गवाही भी है।

कृपया बच्चों को कंधे पर बैठाएं

यह भी बार-बार माइक से अनाउंस किया जा रहा है कि श्रद्धालु अपने बच्चों को कंधे पर बैठा कर चलें, किसी को धक्का न मारें। धीरे-धीरे बढ़ें।

पांटून पुल नंबर 12 पर बढ़ी भीड़

पांटून पुल नंबर 12 झूंसी की तरफ खड़े श्रद्धालुगण कृपया ध्यान दें के समीप के घाटों पर स्नान कर अपने गंतव्य की ओर जाएं। अचानक पांटून पुल 12 पर भीड़ बढ़ने के बाद उन्हें आगाह किया जा रहा है।

अमृत स्नान स्थगित

कुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या पर संगम तट पर हुए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच भगदड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई। इस हादसे में कई श्रद्धालु घायल हो गए, जबकि कुछ की मौत की भी सूचना है। स्थिति को नियंत्रित करने और आगे की अनहोनी से बचने के लिए कुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने अखाड़ों से अपील की कि अमृत स्नान फिलहाल स्थगित कर दिया जाए।अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने इस अपील पर सहमति जताते हुए कहा, “हम प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है।” भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संगम जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई है, और श्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्गों से निकाला जा रहा है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने कुंभ मेले के आयोजन में सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े किए हैं।