
आजमगढ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के सपने को साकार करते हुए नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयोग से पर्यटन एवं संस्कृति विभाग उ. प्र. जिला प्रशासन आजमगढ़ और शुरुआत समिति की संयुक्त पहल से आजमगढ़ के साहित्य प्रेमियों के लिए 25वें आजमगढ़ पुस्तक मेले का भव्य आयोजन हरिऔध कला केंद्र आजमगढ़ में किया गया। मेले का आयोजन मुकेश कुमार मेश्राम की प्रेरणा से एवं मेले कर उद्घाटन डीएम नवनीत चहल के कर-कमलों द्वारा संपन्न हुआ। इस वर्ष का पुस्तक मेला शिक्षा, साहित्य, कला और इतिहास के प्रति जनमानस को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों से भरपूर रहा। मेले का संयोजन मुख्य विकास अधिकारी आजमगढ परीक्षित खटाना ने किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी नवनीत चहल ने कहा कि युवा जब साहित्य से जुड़ेंगे, तभी श्रेष्ठ भारत के निर्माण की कल्पना साकार होगी। पुस्तकें हमें नई दिशाओं की ओर ले जाने के साथ-साथ हमारी संस्कृति और परंपराओं से रूबरू कराता है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से पर्यटन एवं संस्कृति परिषद आजमगढ़ पुस्तक मेला लगायेगा और इसे हर वर्ष जारी रखा जायेगा।
मेले के उद्घाटन अवसर पर जिलधिकारी आजमगढ ने कहा कि पुस्तक मेले का उद्देश्य युवाओं में पढ़ने की आदत विकसित करना है, ताकि वे ज्ञान और बौद्धिकता के मार्ग पर आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला केवल किताबों का आदान-प्रदान करने का मंच, बल्कि यह विचारों, संस्कृतियों और ज्ञान संगम है। आजमगढ़ के लोग साहित्य के प्रति हमेशा जागरूक रहे हैं और यह मेला उनकी बौद्धिक संपन्नता को और समृद्ध करने का कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में प्रसिद्ध लेखिका श्रीमती नीरजा माधव ने साहित्य के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि पुस्तकें केवल ज्ञान का स्रोत नहीं होतीं, बल्कि वे हमारी सोच को दिशा देने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम भी होती हैं। जब युवा पुस्तकें पढ़ते हैं, तो वे अपने, विचारों को स्पष्टता और गहराई से विकसित कर सकते हैं।