प्रधानाचार्यो/प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व क्षमता संवर्धन का हो रहा प्रशिक्षण
कानपुर। नेतृत्वता में नेतृत्वकर्ता का उद्देश्य स्पष्ट होना ही नेतृत्वकर्ता को सफल बना देता है। सफल नेतृत्वकर्ता को बदलती परिस्थितियों के अनुसार बदलते रहना चाहिए, यह बात अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यो/प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व क्षमता संवर्धन का पांच दिवसीय प्रशिक्षण के प्रथम दिन प्राचार्य डायट राजू राणा ने कही।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, पुखरायां में जनपद कानपुर देहात के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यो/प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व क्षमता संवर्धन का पांच दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार से प्रारम्भ हुआ। प्रथम दिन प्राचार्य डायट राजू राणा ने द्वीप प्रज्जवलित कर प्रशिक्षण का शुभारम्भ किया। प्रशिक्षण के दौरान राजू राणा ने प्रधानाचार्यो/प्रधानाध्यापकों को नेतृत्व क्षमता संवर्धन विषय में कहा कि नेतृत्वकर्ता का उ्देश्य स्पष्ट होना चाहिए, आप प्रधानाध्यापक है आपको अशासकीय कॉलेज के मैनेजर और जिला विद्यालय निरीक्षक के मध्य सामजस्य बनाकर काम करना होता है। एक सफल नेतृत्वकर्ता हमेशा पहल करने वाला होता है, कोई भी नेतृत्वकर्ता अपने सहकर्मियों से सामजस्व बनाकर एक सफल नेतृत्वकर्ता बन सकता है। नेतृत्वकर्ता को हमेशा तकनीकि और बदलती परिस्थितियों में अपने आपको अपडेट करने वाला होना चाहिए। अपडेट न करने वाला व्यक्ति हो या कम्पनी वह पीछे रह जाता है। उदाहरण के तौर पर कोडक कम्पनी को ही देख लीजिए पूरे विश्व में कैमरे की अच्छी कम्पनी होने के बावजूद अपडेट न करने पर आज असतित्व में नहीं है।
प्रशिक्षण में संदर्भदाता वन्दना चक और किरन वर्मा के द्वारा भी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण के दौरान डायट प्रवक्ता डॉ0 जगदम्बा प्रसाद त्रिपाठी, विनीता प्रकाश, अरूण कुमार, संतोष कुमार सरोज आदि मौजूद रहे।