महाकुंभ नगर। महाकुंभ के प्रथम स्नान (पौष पूर्णिमा) पर्व पर शहर की सड़कों पर अलग तरह की चहल-पहल दिखाई पड़ी। संगम जाने वाली हर सड़क पर लोग झुंड में जा रहे थे। प्रथम स्नान पर्व संगम में डुबकी लगाने वालों की भीड़ बढ़ गई। बीते 54 घंटे में एक करोड़ लोग डुबकी लगा चुके हैं। देररात से अब तक करीब 40 लाख स्नान कर चुके हैं। पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व से पूर्व रविवार को लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं ने संगम त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई। बड़ी संख्या में साधु संतों के साथ ही पुरुषों, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने संगम में डुबकी लगाई। इससे पूर्व शनिवार को भी 33 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था।
पुरुष-महिलाएं सिर पर गठरी और हाथ में झोला लिए आगे बढ़ी जा रही थीं। सिविल लाइंस, जीरो रोड बस अड्डा, प्रयागराज जंक्शन और प्रयाग स्टेशन पर क्रमश बस और ट्रेनों से श्रद्धालु आए।
इसके बाद सीधे संगम की ओर चल पड़े। दोपहर एक बजे मौसम खराब हुआ और 10 मिनट बाद रिमझिम शुरू हो गई, लेकिन श्रद्धालुओं के कदम नहीं रुके। दोपहर तीन बजे संगम जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी तो चारपहिया वाहनों का आवागमन रोका जाने लगा।
शहर में सीएमपी कॉलेज चौराहा, नागवासुकि मंदिर, छोटा बघाड़ा, अरैल, झुंसी में चीनी मिल के पास वाहनों को रोका जाने लगा। रेलवे और रोडवेज के अधिकारियों ने बताया कि देर रात से श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया। देर रात और तड़के आए श्रद्धालु सीधे संगम पहुंचे और स्नान पर्व के एक दिन पहले संगम स्नान किया।
सभी प्रमुख साधु संतों का हुआ छावनी प्रवेश पूर्ण
स्नान पर्व से पूर्व सभी प्रमुख साधु संत अखाड़ा क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं। महाकुम्भ में सभी अखाड़ों का छावनी प्रवेश पूरा हो चुका है। रविवार को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का छावनी क्षेत्र में प्रवेश हो गया है। इसके साथ ही महाकुम्भ में सनातन के ध्वज वाहक 13 अखाड़ों की छावनी क्षेत्र में मौजूदगी दर्ज हो गई। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहले अमृत स्नान पर सभी अखाड़े अपने क्रम के अनुसार स्नान करेंगे।