रिपोर्ट: अरुण यादव
आज़मगढ़। जिले के पीजीआई चक्रपानपुर में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते आए दिन हो रही मौतों के संबंध में सोमवार को डीएम को ज्ञापन सौंपा। स्थानीय लोगों के साथ डीएम कार्यालय पहुंचे प्रयास संस्था के लोगों ने डीएम से उक्त मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। बताया कि अभी जल्द ही 13 नवंबर को स्थानीय निवासी आनंद विश्वकर्मा ने अपनी मां शारदा देवी की तबीयत खराब होने पर पीजीआई चक्रपानपुर के इमरजेंसी वार्ड में उन्हें भर्ती कराया। सुबह सात बजे से लेकर शाम पांच बजे तक कोई डॉक्टर, इमरजेंसी वार्ड में उनके मां की सुधि लेने नहीं आया, ना तो कोई चेकअप किया और ना ही जांच हुई।तब मां की हालत गंभीर देख आनंद वहां से उन्हें रेफर करा करके ग्लोबल हॉस्पिटल के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ते में ही मां ने दम तोड़ दिया। इससे आक्रोशित जनमानस जब पीजीआई प्राचार्य को घटना से अवगत कराया तो प्राचार्य द्वारा कोई आश्वासन न देकर उल्टे मृतका के बेटे को ही दोषी बताते हुए कहा गया कि आप यहां से लेकर चले गए हमारे यहां कोई मौत नहीं हुई। प्रयास अध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया कि पीजीआई चक्रपानपुर समाज के गरीब दुखियों के इलाज के लिए एक मात्र अच्छा संस्थान है, सरकार की पहल है कि अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, लेकिन इसके अधिकतर डॉक्टरों का नैतिक पतन हो चुका है। बाहर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं, बाहर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं, अपना अस्पताल बनवा लिए हैं। दवाएं बाहर से अधिकतर लिखी जाती हैं, अनावश्यक जांच करा करके मरीजों का शोषण किया जाता है। अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो इसे दुरुस्त करने के लिए अब नौजवान अपने स्तर से कमर कसेंगे। मृतका के बेटे आनंद विश्वकर्मा ने बताया कि अगर डॉक्टर मौजूद रहे होते तो हो सकता था कि हमारी मां की मौत नहीं हुई होती। इस मौके पार कमलेश यादव, ज्ञानदीप वर्मा, आशीष सिंह, आनंद विश्वकर्मा, रितेश पांडेय, मनदीप विश्वकर्मा, सत्यानंद यादव, भगत सिंह सेवा संस्थान से नीरज यादव, एडवोकेट विमला यादव आदि उपस्थित थे।