आजमगढ़। जिले के दीदारगंज थाना क्षेत्र के कुशलगांव में बुधवार को तालाब में डूबने से 4 बच्चों की मौत हो गई थी। मरने वाले सभी बच्चे 10 साल से कम उम्र के हैं। बच्चे तालाब में नहाने गए थे। जौनपुर जिले के सदर अस्पताल में तड़के साढे तीन बजे से पोस्टमार्टम शुरू हुआ जो सुबह पांच बजे तक चलता रहा।
पांच बजे जौनपुर से बच्चों के परिजन शव लेकर गांव पहुंचे। शव के गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। चार बच्चों की मौत से पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। बच्चों के परिजन अपनी सुध-बुधि खो बैठे हैं। बड़ी संख्या में आस-पास के लोग बच्चों के अंतिम संस्कार में उमड़ पड़े। कमलेश के दोनो बच्चों को एक ही चिता पर जलाया गया। रात से गांव में महिलाओं के करूण रूंदन सुनाई दे रहे थे।
कमलेश के तीन बच्चे थे। जिसमें बेटी के बाद दो बेटे राजकुमार और राजकमल थे। इस हादसे में दोनों की जान चली गई। कमलेश दिल्ली रहकर प्राइवेट काम करता है। इस मामले की सूचना परिजनों ने कल ही कमलेश को दे दी थी। आज सुबह 10 बजे कमलेश घर पहुंचे। घर पहुंचते ही कमलेश दहाड़े मारकर रोने लगे। किसी तरह से आस-पास के लोगों ने कमलेश को संभाला और बच्चों का अंतिम दर्शन कराकर अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
हादसे में जान गंवाने वाले अंश के पिता जयचंद गुजरात में रहकर काम करते हैं। पिछले महीने गांव आए थे । परिवार में रहकर 20 दिन पहले ही यहां से गुजरात चले गए। पहले जयचंद भी गांव में रहकर मनरेगा की मजदूरी करते थे। मामले की जानकारी जयचंद को दे दी गई थी पर सुबह तक वह नहीं आ सके थे। जयचंद के भाई आजाद दिल्ली में रहते थे वह बच्चों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
तालाब में डूबने वाले यश के पिता राम लौटन गांव में रहते हैं और यहीं रहकर मजदूरी करते हैं। हादसे के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सभी परिजनों ने बड़े दुःखी मन से अपने बच्चों को अंतिम विदाई दी। गांव में चार बच्चों की मौत के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है। वही गुरुवार को गांव में चूल्हे नहीं जले।