
रिपोर्ट: अरुण यादव
आजमगढ़। नगर पालिका परिषद आजमगढ़ के तकिया मोहल्ले में बिना टेंडर कराए ही लाइटें लगा दी गईं हैं। नगरपालिका के ईओ ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि बिना टेंडर लाइटें कैसें लगीं। वहीं पालिकाध्यक्ष का कहना है कि लोगों के हित को देखते हुए उन्होंने इन लाइटों को लगवाया है।
नगर पालिका परिषद आजमगढ़ में बिना टेंडर के कार्य कराने और बड़े कार्याें को टुकड़ों में बांटकर बिना टेंडर के कार्य कराने का पुराना इतिहास रहा है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। नगर के तकिया मोहल्ले में हाल ही में 15 से 16 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। यह लाइटें दो से तीन लाख रुपये कीमत की हैं। ईओ जहां इस मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। वहीं नपा चेयरमैन पर आरोप लग रहे हैं कि पहले उन्होंने इन लाइटों को 15वें वित्त आयोग के धन से लगाने की बात कही थी, लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो उन्होंने इसे दूसरे माध्यम से लगाने की बात कही। सबसे बड़ी बात यह है कि अगर यह लाइटें नगर पालिका द्वारा लगवाई गई हैं तो ठीक, लेकिन अगर इन्हें किसी दूसरे व्यक्ति से कहकर लगवाई है तो उसे बिजली का कनेक्शन कैसे दिया गया। अगर दिया गया तो उसका भुगतान किस प्रकार होगा। इस बारे में कोई कुछ भी नहीं बता रहा। वहीं इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
विवेक त्रिपाठी, ईओ नगरपालिका ने बताया कि यह लाइटें कैसे लगी हैं। मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि अगर नगरपालिका से यह लाइटेें लगती तो उसका टेंडर होता। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
सरफराज आलम, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद आजमगढ़ ने कहा कि हम नगरपालिका के चेयरमैन हैं, बहुत से लोग हमारे पास आते हैं। उनकी जरूरत को देखते हुए कार्य करने के लिए मैं कह देता हूं। यहां के लोगों की जरूरत को देखते हुए इन लाइटों को लगवाया गया है। बेवजह मामले को तूल दिया जा रहा है।