
आजमगढ। । रमजान मुबारक का तीसरा अशरा शनिवार से शुरू हो जाएगा। तीसरे अशरे की 27वीं रात को शब-ए-कद्र के रूप में मनाया जाता है। इसी मुकद्दस रात में कुराने मजीद भी मुकम्मल हुआ था। सरायमीर के मौलाना अजफल ने कहा कि रमजान के तीसरे अशरे की पांच ताक रातों में शब-ए-कद्र को तलाश किया जाता है। ये 21वीं, 23वीं, 25वीं 27 वीं और 29वीं रात है। 27 वीं इबादत की रात होती है। 27 वीं शब को उन अधिकतर मसाजिद में जहां तरवीह की नमाज अदा की गई, वहां कुरान हाफिजों का सम्मान किया जाता है। शब ए कद्र की रात अल्लाह की इबादत करने वाले मोमिन के दर्जे बुलंद होते हैं। गुनाह बक्श दिए जाते हैं। दोजख की आग से निजात मिलती है। वैसे तो पूरे माहे रमजान में बरकतों और रहमतों की बारिश होती है। ये अल्लाह की रहमत का ही सिला है कि रमजान में एक नेकी के बदले 70 नेकियां नामे आमाल में जुड़ जाती हैं, लेकिन शब-ए-कद्र की विशेष रात में इबादत, तिलावत और दुआएं कुबूल होती हैं।