
‘कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों’! दुष्यंत कुमार की ये लाइनें अभिनेता राजपाल यादव पर एकदम सटीक बैठती हैं। परदे पर अपनी कॉमेडी से वे दर्शकों को खूब हंसाते हैं। असल जिंदगी में भी वे उतने ही सकारात्मक हैं। जिंदगी में ऐसे कई मौके आए, जब उनका जीवन उदासी से भरा, मगर अभिनेता ने मुश्किल वक्त में भी कुछ बेहतर ढूंढ लिया। यही उनके जीवन का मंत्र है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के कुण्डरा गांव में जन्मे राजपाल यादव ने फिल्मी दुनिया में बड़ा नाम कमाया है। उनकी राह संघर्षों से भरी रही। आइए जानते हैं उनके बारे में…
आर्मी जॉइन करना चाहते थे राजपाल यादव
राजपाल यादव का जन्म 16 मार्च 1971 को यूपी के शाहजहांपुर के कुण्डरा गांव में हुआ। उनके पिता नौरंग यादव किसान थे। राजपाल यादव छह भाई हैं। राजपाल यादव का बचपन गांव के कच्चे मकान में बीता। एक इंटरव्यू में अभिनेता ने बताया कि उनके गांव में एक भी पक्का घर नहीं था। गांव की मिट्टी में उनका बचपन बीता। परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने के बावजूद राजपाल यादव के पिता ने उनकी शिक्षा पर जोर दिया। उनका दाखिला दूर शहर के स्कूल में कराया। राजपाल यादव बचपन से ही जिंदगी में कुछ बड़ा करना चाहते थे। यूं तो वे आर्मी जॉइन करना चाहते थे, लेकिन छोटे कद के कारण ऐसा नहीं हो सका। अभिनेता ने अभिनय की दुनिया में नाम कमाने का सपना देखा और उसे सच कर दिखाया।
छोटे परदे से सफर शुरू किया
राजपाल यादव ने 1992 में थिएटर जॉइन किया। उन्होंने भारतेंदु नाट्य अकादमी में दाखिला लिया। दो साल थिएटर करने के बाद दिल्ली में एनएसडी गए। वहां एक्टिंग कोर्स करने के बाद 1997 में मुंबई पहुंचे। राजपाल यादव ने करियर की शुरुआत छोटे परदे से की। एक्टर ने एक बातचीत में जिक्र किया कि उन्होंने पुणे के यरवदा जेल पर ‘स्वराज’ नाम के डीडी वन पर आने वाले सीरियल से शुरुआत की। इंदु भूषण का रोल किया। 1998 में प्रकाश झा का मुंगेरी के भाई नौरंगी लाल आया, जिसमें उन्होंने नौरंगी का रोल किया। फिर साल 1999 में उन्हें पहली फिल्म मिली। और आज तक यह सिलसिला जारी है।
प्रतिभा के बूते बनाया बड़ा व्यक्तित्व
छोटा कद होने के चलते इंडस्ट्री में भी उन्हें कम संघर्ष नहीं करना पड़ा। मगर, अपनी प्रतिभा के दम पर उन्होंने खुद को साबित किया। साल 1999 में उन्हें पहली फिल्म ‘दिल क्या करे’ मिली। हालांकि, उन्हें पहचान मिली फिल्म ‘जंगल’ (2000) में काम करके। इस फिल्म में उनका काम नोटिस किया गया। इसके बाद उन्हें पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा। इसके बाद राजपाल ने ‘हंगामा’, ‘वक्त’, ‘चुप-चुप के’, ‘गरम मसाला’, ‘फिर हेरा फेरी’, ‘भूल भुलैया’, ‘भागम भाग’ और ‘ढोल’ जैसी फिल्मों में बतौर कॉमेडी एक्टर काम किया है। करियर के शुरुआती दिनों में राजपाल यादव ने कुछ फिल्मों में निगेटिव किरदार किए। अभिनेता करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी नेटवर्थ करीब 225 करोड़ रुपये है।
पहली पत्नी के निधन से बुरी तरह टूटे
राजपाल यादव ने कड़ी मेहनत कर गरीबी जैसे हालातों को तो हरा दिया। मगर, किस्मत ने भी उन्हें धोखा दे दिया। अभिनेता की पत्नी करुणा का निधन हो गया। बेटी को जन्म देने के बाद करुणा निधन हो गया। करुणा और राजपाल यादव की बेटी का नाम ज्योति है। उन पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। राजपाल यादव दूसरी शादी नहीं करना चाहते थे। पहली पत्नी के निधन के कई साल बाद साल 2003 में शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात राधा से हुई। दोनों के बीच काफी नजदीकियां बढ़ गईं और दोनों एक-दूसरे को डेट करने लगे। फिर शादी का फैसला लिया।

राधा को दिया था सरप्राइज
कनाडा में जन्मीं राधा को राजपाल पहली नजर में ही पसंद आ गए थे। एक इंटरव्यू के दौरान राधा ने बताया था, ‘मैं जब पहली बार मुंबई पहुंची थी, तब राजपाल मुझे अपने घर लेकर गए थे। उन्होंने मुझे सरप्राइज देने के लिए घर का इंटीरियर उसी होटल की तरह करवाया था, जैसा कनाडा के उस होटल का था, जहां हम पहली बार मिले थे’। राजपाल यादव के वर्क फ्रंट की बात करें तो उन्हें बीते साल फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ में देखा गया था।