लखनऊ/अयोध्या। अयोध्या जिले और फैजाबाद लोकसभा के अंदर आने वाली मिल्कीपुर विधानसभा सीट के वोटरों ने इस उपचुनाव में ही आजादी के बाद से अब तक के मतदान के सारे रिकॉर्ड तोड़ तोड़ दिए। फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद के विधानसभा सीट छोड़ने पर मिल्कीपुर में उपचुनाव हो रहा है। चुनाव आयोग के मुताबिक मिल्कीपुर सीट पर 65.35 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया है। मिल्कीपुर में इससे पहले अब तक का सबसे ज्यादा मतदान 60.58 परसेंट था। आम तौर पर उपचुनाव में कम वोट पडते हैं लेकिन मिल्कीपुर सीट ने इस

चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक शाम 5 बजे तक जो मतदाता पोलिंग बूथ पर लाइन में लग जाते हैं, उनके वोट करने के बाद ही मतदान बंद होता है। इसलिए अंतिम आंकड़ा आने पर शाम 5 बजे तक के आंकड़े 65.25 प्रतिशत में कुछ और इजाफा हो सकता है। उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद 1951 से अब तक कुल 18 बार विधानसभा के आम चुनाव हुए हैं लेकिन मिल्कीपुर सीट पहली बार 1967 में बनी। 1951 से 2022 तक असेंबली के 15 चुनाव हुए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा वोट 2022 में पड़ा था। तब 60.58 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।

1967 से 1993 तक मिल्कीपुर में कांग्रेस, भारतीय जनसंघ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का प्रभाव रहा। बाद में मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को भी मौका दिया। 2022 के चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर जीते थे। उपचुनाव में उनके बेटे अजीत प्रसाद को सपा ने टिकट दिया है।

मिल्कीपुर सीट पर 1967 में 48.74 प्रतिशत जबकि 2022 में 60.58 प्रतिशत वोट हुआ था। 7 बार मतदान प्रतिशत 50 फीसदी से कम जबकि 7 बार 50 फीसदी से ऊपर रहा है। पहली बार वोट 60 परसेंट के ऊपर 2022 में गया था। उपचुनाव में अब तक के सारे रिकॉर्ड का टूट जाना यह बताता है कि जनता में बहुत जोश है। उपचुनाव के बावजूद वो घर से बड़ी संख्या में निकले। लेकिन ये 8 फरवरी को पता चलेगा कि मिल्कीपुर के लोग किसकी लाज रखने के लिए बड़ी संख्या में मतदान केंद्र तक पहुंचे, योगी आदित्यनाथ या अखिलेश यादव।