
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती का लखनऊ स्थित घर मंगलवार को गहमागहमी वाला रहा। यहां पहले अचानक बड़ी संख्या में एनएसजी के जवान पहुंचे। उसके बाद सायरन बजाते एंबुलेंस पहुंच गई। मायावती की तरह कपड़े पहने एक महिला को भी लाया गया। इसके बाद महिला का पहले आवास के अंदर ही स्ट्रेचर पर जांच पड़ताल हुई, उसके बाद एंबुलेंस से बाहर लाया गया। यह सब मायावती की सुरक्षा को जांचने के लिए किया गया। एनएसजी ने मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इस दौरान मायावती के घर के अंदर और बाहर 80 जवान तैनात रहे। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले मॉकड्रिल को लेकर मायावती को बताया गया था।
मायावती की डमी बनी महिला को उनके आवास से करीब 1.5 किलोमीटर दूर सिविल अस्पताल तक भी लाया गया। यह जांचा गया कि पूरी प्रक्रिया में कितना समय लगा है। मॉक ड्रिल में उनके सुरक्षाकर्मियों के साथ ही सिविल अस्पताल के डॉक्टर, पुलिसकर्मी, फायर और एम्बुलेंस की टीमें भी शामिल रहीं। करीब एक घंटे तक पूरी प्रक्रिया चली।
इस तरह पूरा हुआ मॉक ड्रिल
सबसे पहले एनएसजी को बसपा सुप्रीमो के घायल होने की सूचना मिलती है। इसके बाद मायावती की तरह ही कपड़े पहनी एक महिला को स्ट्रेचर पर बाहर लाया गया। उसे भारी सुरक्षा के बीच एम्बुलेंस में रखा गया। इस दौरान उनकी जांच भी होती रही। एंबुलेंस वहां से सीधे सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। एक अधिकारी के अनुसार हमारी टीम ने पूर्व सीएम मायावती के आवास पर एक घंटे तक यह मॉक ड्रिल की। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान हमारे हमने दुर्घटनाओं की संभावनाओं को देखते हुए मॉक ड्रिल की है। कहा कि मॉक ड्रिल के पीछे का मकसद रिस्पॉन्स टाइम को समझना था।
गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी सुरक्षा को लेकर एक बार चिंता भी जताई थी। तब मायावती ने सपा पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सपा सरकार में जानबूझकर उनके दफ्तर के सामने ऊंचा पुल बनवाया गया। यहां से अराजकतत्व उनके लोगों को और मुझे नुकसान पहुंचा सकते हैं। मायावती ने यूपी सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग की थी।