
रिपोर्ट; अरुण यादव
आज़मगढ़। मकर संक्रांति पर मंगलवार को भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा भैरव के चरणों में शीश झुकाकर अपने परिवार की खुशहाली के लिए मनोकामना किया। भोर के चार बजे से ही श्रद्धालुओं ने धाम स्थित पवित्र सरोवर में हर-हर महादेव एवं बाबा भैरवनाथ के जयकारों के साथ स्नान किया। इसके बाद मंदिर का कपाट खुलने पर बाबा का श्रृंगार व आरती के बाद भक्तगण फूल, नारियल व काली मिर्च की बोरिया लेकर दर्शन के लिए पंक्ति में लग गए।
बता दें कि मान्यता के अनुसार बाबा की अपने भक्तों पर बेशुमार कृपा रहती है । उन्हें कभी खाली हाथ नहीं लौटना पड़ता। उनकी हर मुरादें पूरी होती हैं तथा संकटों से मुक्ति मिलती है। आस्था और विश्वास के साथ काफी संख्या में स्थानीय भक्त प्रतिदिन भोर में ही मंदिर पहुंच जाते हैं तथा सरोवर में स्नान के पश्चात बाबा के चरणों में शीश झुकाते हुए आरती में सम्मिलित होते हैं।
मकर संक्रांति पर सरोवर में स्नान व बाबा के दर्शन का विशेष महत्व है। प्रत्येक मंगलवार व पूर्णिमा पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूरदराज से आने वाले भक्तों की काफी भीड़ उमड़ती है। परिसर में मेला भी लगा रहता है। मंगलवार के दिन मकरसंक्रांति का पर्व होने से भक्तों की काफी भीड़ रही। लगभग 10 हजार लोगों ने पवित्र सरोवर में स्नान कर बाबा के चरणों में संकटों से मुक्ति व परिवार की खुशहाली के लिए मन्नतें मांगी। परिसर में लगे मेले में सजी श्रृंगार की दुकानों पर महिलाओं ने जमकर खरीदारी किया। ले में शांति व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात रही।
मकर संक्रांति के अवसर पर दुर्वासा धाम के तमसा मंजुषा संगम में कड़ाके की ठंड के बाद भी श्रद्धालुओं ने भोर से स्नान शुरू कर दिया। इस दौरान लगभग दस हजार श्रद्धालुओं ने स्नान किया। स्नान के बाद गुड़, तिल, अन्न, वस्त्र, द्रव्य व गोदान लिया शिव के गर्भगृह में दुध, गंगाजल, मधू, भांग, धतूरा, बेल पत्र से जलाभिषेक किया।
दुर्वासा धाम के गोस्वामी समाज के अध्यक्ष प्रेमनाथ गिरी ने बताया कि महाकुंभ होने के कारण भीड़ थोड़ा कम है। हर धर्म स्थल का अपना अलग महत्व है। मान्यता हैं कि यहां स्नान करने पर पापों से मुक्ति मिल जाती है। दुर्वासा हनुमान मंदिर के पुजारी फागू गिरी ने बताया की यहां सुबह से श्रद्धालु संगम में स्नान कर रहे हैं। मंगलवार को हनुमान जी का दर्शन कर रहे हैं। मान्यता हैं कि श्रद्धाभाव से कुछ भी मांगने पर भक्तों को यहां मिल जाता है।