रिपोर्ट: एसपी त्रिपाठी/अरूण यादव
आजमगढ़। डाला छठ के पावन अवसर पर गुरुवार की दोपहर बाद हर कदम घाटों की तरफ जाती नजर आ रही थी। शाम होते-होते नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के घाटों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर तरफ सिर्फ छठ मैया के श्रद्धालु ही नजर आ रहे थे। कोई गाजे-बाजे के साथ तो कोई छठ मैया की गीत गाते नदी की तरफ बढ़ रहा था।
देर शाम तक घाटों की तरफ जाने वाले मार्गों पर घंटों आवागमन बाधित रहा। सुरक्षा की दृष्टि से नदी के घाटों पर भारी पुलिस बल, एसओजी, खुफिया विभाग की टीम के साथ ही महिला पुलिस कर्मियों को भी लगाया गया था। इसके अलावा महिलाओं से छेड़खानी न हो निगरानी के लिए सादे वेश में भी पुलिस कर्मी व घाटों पर छठ पूजा समिति के वालंटियर भी पूरी तरह से मुस्तैद दिखे।
व्रतधारी भक्तों के परिजनों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए नदी के घाटों पर विशेष व्यवस्था की गयी थी। साफ-सफाई के साथ ही चूने का छिड़काव नगरपालिका प्रशासन द्वारा पहले ही करा दिया गया था। दो दिनों से जिले के आला अधिकारी विभिन्न घाटों का निरीक्षण कर मातहतों को व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे।
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य देने के लिए गुरुवार के दिन घाटो पर मानो ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे पूरा नगर घाटों पर ही सिमट गया हो। नगर के गौरीशंकरघाट, दलालघाट, कदमघाट, भोलाघाट, सिघारी घाट, राजघाट आदि जगहों पर तो कही भी पैर रखने की भी जगह दिखाई नहीं दे रही थी।
जिसे जहां जगह मिला भक्तगण उसी स्थान पर बेदी बनाकर भाष्कर भगवान व छठ मैया को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करने में लिन देखे गये।
व्रतधारी महिलाएं लगभग दो से तीन घण्टों तक नदी में पूजा सामग्रियों के सूप के साथ खड़ी रहकर सूर्य भगवान की अराधना करती नजर आयी। जैसे-जैसे भगवान भास्कर डूबने लगे व्रतधारी लोगो के परिजन हाथों में दूध का गिलास लेकर अर्ध्य देने लगे। अस्ताचलगामी सूर्य का अर्ध्य देने के बाद लोग अपने घरों के तरफ जलते दीपक को लेकर प्रस्थान करने लगे।
इस दौरान पूरा नगर घण्टों जाम से जूझता रहा। नगर के काली चौरा, कालीनगंज, कदमघाट, गौरीशंकरघाट, दलालघाट से लेकर मुख्य चौक, मातवरगंज, बड़ादेव, सब्जीमण्डी, पुरानी कोतवाली तक यातायात पूरी तरह बाधित रहा। सड़को पर हर तरफ छठ पूजन के श्रद्धालु ही नजर आ रह थे। जिसके चलते पूरा जनपद का वातावरण भक्तिमय हो गया। हर तरफ छठ मैया के गीत की धून ही सूनने को मिल रही थी।