
समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने बुधवार को लोकसभा में संविदाकर्मियों का मामला उठाया। धर्मेंद्र यादव ने संविदाकर्मियों को नियमित करने और उनके लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू करने की मांग की। उन्होंने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि ‘आउटसोर्सिंग’ के माध्यम से आरक्षण को खत्म किया जा रहा है। धर्मेंद्र ने कहा कि संविदाकर्मियों को कुछ हजार रुपये का मानदेय मिलता है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि हम लगातार पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की बात करते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में 18 लाख कर्मचारी और पूरे देश में लगभग एक करोड़ कर्मचारी संविदा के चलते दुर्दशा के शिकार हैं। कहा कि ‘आउटसोर्सिंग’ कर्मचारियों का शोषण किया जाता है।
उन्होंने कहा कि संविदाकर्मियों को सरकारी कर्मचारी बनाया जाए और उनके लिए आरक्षण लागू हो। धर्मेंद्र यादव यूपी की आजमगढ़ सीट से सांसद हैं। इस सीट से कभी सपा संरक्षण मुलायम सिंह यादव और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी सांसद बने थे। अखिलेश यादव ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी इसी सीट से जीता और संसद में आए थे। इस बार अखिलेश ने कन्नौज को चुना और आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव को उतारा था। दोनों ने अपनी-अपनी सीटें जीतीं और सांसद बने हैं।