

लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का धरना ईको गार्डन में जारी है। धरनास्थल पर मौजूद अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को होली पर उपवास रखा।
धरनास्थल पर मौजूद अभ्यर्थियों ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में प्रदेश की सरकार शुरू से ही हीला हवाली करती रही। इसी वजह से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया और वहां भी सरकार अपना पक्ष रखने से दूर भागती है। सुप्रीम कोर्ट से केवल तारीख पर तारीख मिलती है। एक दर्जन से अधिक तारीखों पर सुनवाई नहीं हो सकी। अब अगली सुनवाई 18 मार्च को होनी है। हम सबकी मांग है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता को भेजकर इस मामले को जल्द से जल्द निस्तारित कराये। इसीलिए हम सभी ने अपनी मांग को लेकर उपवास रखा है।
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा की होली समरसता का पर्व है लेकिन प्रदेश में दलित, बैकवर्ड समाज के नौजवानों को इस पर्व पर भी सामाजिक न्याय के लिए भूख हड़ताल जैसी प्रक्रिया को अपनाना पड़ा। सरकार की हठधर्मिता से 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को होली के पर्व पर भूखा रहने के लिए मजबूर कर दिया। हमारी मांग है कि अभ्यर्थियों के आंदोलन का सरकार संज्ञान ले और सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता भेजकर मामले निस्तारित कराए।
धरने में रवि शंकर पटेल, धनंजय गुप्ता, अमित मौर्य, आनंद यादव, उमाकांत मौर्य, धर्मवीर प्रजापति, श्रीकांत मौर्य आदि अभ्यर्थी शामिल थे।