आजमगढ। चुनाव प्रचार करने दीवानी न्यायालय में पहुंचे भाजपा प्रत्याशी व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ को विरोध का सामान करना पड़ा। लेकिन इस दौरान अधिवक्ता दो फाड में नजर आए। एक तरफ भाजपा प्रत्याशी का फूल मालाओं से अधिवक्ता स्वागत कर रहे थे तो दूसरी तरफ कुछ अधिवक्ता विरोध करने के साथ ही नारेबाजी कर रहे थे। वही बार के ज्वाइंट सिक्रेटरी शशिकांत पांडेय ने दावा किया कि अधिवक्ताओं ने ग्रामीण न्यायालय के विरोध में करीब दो माह तक चले धरने में नहीं पहुंचने को लेकर विरोध हुआ। जो की गलत है। वही भाजपा प्रत्याशी निरहुआ ने दावा किया विरोध करने वाले सपाई थे।
दीवानी न्यायालय में मंगलवार को भाजपा सांसद व प्रत्याशी दिनेश लाल यादव पहुंचे। सभागार में पहुंचने पर दीवानी बार के अध्यक्ष व मंत्री व अन्य अधिवक्ता फूल मामलाओं से निरहुआ का स्वागत कर रहे थे ,तभी सभागार में अधिवक्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दिया। लेकिन दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी का स्वागत चलता रहा। अधिवक्ताओं के अधिक शोर मचाने पर बिना किसी संबोधन के भाजपा प्रत्याशी निरहुआ न्यायालय परिसर से बाहर चले गए। इस दौरान निरहुआ ने कहा कि उनको अधिवक्ताओं ने समय दिया था जिसके बाद वे वहां पर पहुंचे थे। विरोध वही अधिवक्ता कर रहे है जो सपाई है। कुछ उनका आपस का विरोध है। निरहुआ ने कहा कि अगर किसी को विरोध करना है तो चुनाव आता है और े विरोध किया जाता है बटन दबाकर । निरहुआ ने कहा कि जिस गाड़ी पर सपा का झंडा उस गाड़ी में मिलेगा गुंडा। तो कुछ गुंडे यहां भी है तो अपना रंग दिखाएगें ही । पर उनको पता नहीं है कि ये कितना भी जोर लगाएगें लेकिन इनका भगोड़ा नेता आजमगढ़ में टीक नहीं पाएगे। वर्ष 2019 में एक भाई जीतकर भाग गया, 2022 में एक भाई हार कर भाग गया और तो ये भगोड़े भाई है। उन्होने अपील किया कि इन भगोड़े भाइयों से आजमगढ़ को बचाना है तो एक बार फिर से मोदी जी को लाना है ।
वही दीवानी बार के सेक्रेटरी शशिकांत पांडेय ने कहा कि विरोध किसी व्यक्ति विशेष का नहीं किया गया। बल्कि दो माह तक अधिवक्ता ग्रामीण न्यायालय के विरोध में प्रदर्शन करते रहे लेकिन पक्ष व विपक्ष का कोई भी नेता आश्वासन देने नहीं पहुंचा इसलिए विरोध किया गया। हालांकि उन्होने माना कि न्यायालय में जातिगत समीकरण व पार्टी से जो लोग भी नारा लगाए है वह गलत है। उन्होने कहा कि यह जनपद न्यायालय व अधिवक्ताओं के लिए कष्ट की बात है।