
संभल। जामा मस्जिद प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन होने का हवाला देकर इस बारे में कोई कदम उठाने से रोकने पर सपा की बैठक में मारपीट हो गई। असमोली विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष ताहिर अल्लाह सहित तीन लोगों ने समाजवादी युवजन सभा (सयुस) के प्रदेश सचिव सूरजपाल को पीट दिया। इसके बार कार से जाते वक्त रास्ते में रोककर तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी दी।
सपा नेता की ओर से 20 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। 12 दिसंबर को सपा की जिला स्तरीय बैठक बहजोई में अशोक राणा के आवास पर थी। बैठक में सयुस के प्रदेश सचिव सूरजपाल सिंह भी बैठक में थे।
सूरजपाल ने कोर्ट में प्रकरण विचाराधीन कहने की बात की
बैठक में जामा मस्जिद प्रकरण को लेकर चर्चा चल रही थी कि संभल के मुस्लिम समाज के लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है। इस बीच सूरजपाल ने कोर्ट में प्रकरण विचाराधीन होने का हवाला देकर फिलहाल शांत रहने को कहा। इसपर ताहिर अल्लाह, सपा के जिला सचिव अमरीश और सत्यभान खफा होकर गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने मारपीट भी की। इसके बाद सूरजपाल कार से घर जा रहे थे। रास्ते में तीनों लोगों ने उन्हें रोक लिया। वहां भी मारपीट की गई।
रास्ते में तमंचा दिखाकर दी धमकी
आरोप है कि ताहिर उल्ला ने तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। सूरजपाल का कहना है कि उन्होंने उसी दिन तहरीर दी, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। इसके बाद आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की। अब पुलिस ने दो दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज की है। सीओ दीपक तिवारी ने बताया कि मारपीट और धमकाने की प्राथमिकी दर्ज की गई है। कार्रवाई की जाएगी।
विधायक पुत्र और सयुस के उपाध्यक्ष पार्टी से निष्कासित
सिरसागंज विधायक के बेटे और समाजवादी युवजन सभा (सयुस) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को अनुशासनहीनता के आरोप में छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। विधायक सर्वेश यादव के बेटे शिवम यादव का कुछ दिन पूर्व पार्टी के एक पूर्व जिलाध्यक्ष से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। आरोप है कि उन्होंने वरिष्ठजन को भी सही तरीके से जवाब नहीं दिया।
जिला प्रवक्ता नीरज यादव ने बताया कि पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर जिलाध्यक्ष शिवराज सिंह यादव ने शिवम यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया है। इस संबंध में शिवम यादव का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं। वह सयुस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। उन्हें निष्कासित करने का अधिकार सयुस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को ही है। जिले के पदाधिकारियों के पास ये अधिकार नहीं है।