रिपोर्ट: आशीष त्रिवेदी

लखनऊ। अब सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को प्री-प्राइमरी से लेकर इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई एक छत के नीचे करने को मिलेगी। पहले चरण में प्रदेश में 39 जिलों में मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूल बनाए जाएंगे। ऐसे परिषदीय प्राथमिक स्कूल जहां पर साढ़े पांच एकड़ जमीन है, वहां इनका निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा। 

प्रत्येक विद्यालय के निर्माण पर 25-25 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यहां स्मार्ट क्लास, स्किल हब सेंटर, कंप्यूटर व लैंग्वेज लैब, बहुउद्देश्यीय हाल और प्रधानाचार्य व स्टाफ के लिए आवास बनाए जाएंगे। बाकी जिलों में दूसरे चरण में विद्यालय बनेंगे।

मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों में 42 आधुनिक कक्षा-कक्ष होंगे। यहां 1,500 विद्यार्थियों के पढ़ने की क्षमता होगी। 350 विद्यार्थियों की क्षमता वाला बहुउद्देश्यीय हाल होगा। रोबोटिक्स व मशीन लर्निंग भी छात्रों को पढ़ाई जाएगी। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से पढ़ाई कराई जाएगी। जिन 39 जिलों में निर्माण होगा उनमें से रामपुर, हाथरस, भदोही, बदायूं व बहराइच में कारपोरेट सामाजिक उत्तरादायित्व (सीएसआर) के माध्यम से ओएनजीसी निर्माण करेगी। वहीं बाकी जिलों में राज्य सरकार निर्माण कराएगी, जिसमें मैनपुरी, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, अंबेडकरनगर, औरैया, बलिया, हमीरपुर, कानपुर देहात, सुलतानपुर,चित्रकूट, अमेठी, अमरोहा, बागपत, बिजनौर, बुलंदशहर, इटावा, हापुड़, हरदोई, कुशीनगर, महाराजगंज, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, जालौन,ललितपुर,एटा, फतेहपुर,सोनभद्र, महोबा व सिद्धार्थनगर शामिल हैं।

विद्यालयों में विद्यार्थियों को पढ़ाई की अत्याधुनिक सुविधा

बेसिक शिक्षा विभाग इन मॉडल विद्यालयों में विद्यार्थियों को पढ़ाई की अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वरिष्ठ विशेषज्ञ (समग्र शिक्षा) श्याम किशोर त्रिपाठी के अनुसार इन जिलों में निर्माण को मंजूरी मिल गई है। यहां तीन मंजिला दिव्यांग सुलभ भवन भी बनाया जाएगा। यही नहीं कक्षा एक से कक्षा आठ तक कंपोजिट विज्ञान-गणित प्रयोगशाला, कक्षा नौ से कक्षा 12 तक रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान के लिए मॉड्यूलर लैब, आरओ वाटर प्लांट, मिड डे मील किचन, डायनिंग हाल और सीसीटीवी कैमरों की मदद से ऑनलाइन निगरानी की व्यवस्था भी होगी।