
समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और विधायक अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित किया गया है। हालांकि, आजमी ने दावा किया कि उन्होंने किसी राष्ट्रीय नायक का अपमान नहीं किया। राज्य के बजट सत्र से निलंबित होने पर आजमी ने कहा कि यह उचित नहीं है।
मुगल शासक औरंगजेब पर बयान को लेकर विधानसभा से निलंबन को लेकर अबू आजमी ने कहा, ‘मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा। मैं किसी राष्ट्रीय नायक के खिलाफ कुछ बोलने की कभी सोच भी नहीं सकता। असम के मुख्यमंत्री (हिमंत बिस्व सरमा) ने (कांग्रेस नेता) राहुल गांधी और (सपा अध्यक्ष) अखिलेश यादव की तुलना औरंगजेब से की। जब मुझसे औरंगजेब के चरित्र के बारे में पूछा गया, तो मैंने कहा कि मैं युग में पैदा नहीं हुआ था। जो भी सतीश चंद्र, राजीव दीक्षिक, राम पुनियानी, अवध ओझा, मीना भार्गव ने लिखा है, मैं केवल वही कह सकता हूं। मैंने केवल यह कहा कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बहुत अच्छा था और उस समय उन्होंने मंदिरों को भी दान दिया था। मैंने जो कुछ भी कहा, वह लिखा हुआ है। मैंने अपनी ओर से कुछ नहीं कहा।’
उन्होंने आगे कहा, अब कहा जा रहा है कि मैंने राष्ट्रीय नायकों का अपमान किया है, लेकिन यह अपमान कैसे है? सपा नेता ने कहा, मैंने विधानसभा में कई बार कहा है कि जो भी राष्ट्रीय नायकों का अपमान करता है, उसे कम से कम दस साल की सजा दी जानी चाहिए। लेकिन मुझे पूरे (बजट) सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। मुझे लगता है कि यह उचित नहीं है।
बयान वापस लेता हूं, जान से मारने की मिल रही धमकी: अबू आजमी
औरंगजेब की प्रशंसा वाले बयान पर उन्होंने कहा, मैंने जो कहा उसे वापस लेता हूं, क्योंकि इसेक कारण काफी उथल-पुथल मची है। लोग मुझे फोन कर रहे हैं और अपशब्द कह रहे हैं। मैं फोन नहीं उठा रहा हूं, मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है। अब (विधानसभा) अध्यक्ष ने मुझे निलंबित कर दिया है। मैं बस यही चाहता हूं कि विधानसभा चले। इसीलिए मैंने कहा कि मैं अपना बयान वापस लेता हूं। हमारे पास बहुत सारे मुद्दे हैं। हमारे क्षेत्र के लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। सड़कें-सीवर खराब हैं और स्कूलों व अस्पतालों में समस्याएं हैं। हम उस पर चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं? इस पर सभी का समय क्यों बर्बाद करें? यही वजह है कि मैंने अपने शब्द वापस ले लिए।