लखनऊ। भाजपा के दिग्गज सांसद वरुण गांधी पीलीभीत से ही मैदान में उतरेंगे। भले ही भाजपा ने अब तक उनके नाम की घोषणा नहीं की है, मगर उन्होंने नामांकन प्रक्रिया के पहले ही दिन चार सेट में पर्चे खरीदकर अपनी मंशा सार्वजनिक कर दी है। उनके निजी सचिव ने चार सेटों में नामांकन पत्र खरीदे हैं। इससे यह भी संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा से टिकट न मिलने पर भी वह पीलीभीत लोकसभा सीट से ही भाग्य आजमाएंगे। उधर, गठबंधन की ओर से सपा ने पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार को टिकट दिया है।

ऐसे में पीलीभीत की सियासी गतिविधियों पर राजनीतिक दलों की नजर टिकी है। पीलीभीत लोकसभा चुनाव 2009 और 2019 फतह कर चुके वरुण गांधी यहां से तीसरी बार भाग्य आजमाने की तैयारी में हैं। हालांकि, सियासी गलियारे में उनके टिकट को लेकर अलग-अलग अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन, उन्होंने नामांकन पत्रों के चार सेट लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। माना जा रहा है कि यदि भाजपा ने अपनी सूची में उन्हें नहीं शामिल किया तो वह निर्दलीय भी मैदान में उतर सकते हैं। इसके अलावा उनके चौंकाने वाले निर्णयों से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। पहले चरण की चुनावी प्रक्रिया में शामिल पीलीभीत में 27 मार्च तक नामांकन होंगे।

बता दें कि पीलीभीत लोकसभा सीट पर पिछले डेढ़ दशक से वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी का कब्जा है। वर्ष 2009 और 2019 में वरुण तो वर्ष 2014 में उनकी मां मेनका गांधी ने इस गढ़ को अपनी जीत से मजबूत किया था।

सपा ने पिछड़ा कार्ड खेलते हुए बरेली की नवाबगंज सीट से विधायक रहे भगवत शरण गंगवार को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में वरुण गांधी 7,04,549 मत पाकर जीते थे। दूसरे स्थान पर सपा के हेमराज वर्मा थे। भगवत शरण पिछले चुनाव में बरेली सीट पर सांसद संतोष गंगवार के खिलाफ मैदान में उतरे थे, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

बसपा ने अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू को मैदान में उतारा है। हालांकि, अनीस अहमद अब तक तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और चौथी दफा मैदान में हैं। बसपा के टिकट पर 2014 में लड़े फूल बाबू तीसरे नंबर पर रहे थे।

भाजपा आलाकमान प्रदेश सरकार के एक कैबिनेट मंत्री को भी पीलीभीत सीट से प्रत्याशी बना सकता है। हालांकि, कैबिनेट मंत्री बरेली मंडल से सटी एक अन्य सीट से टिकट की प्रत्याशा में थे। वहां पार्टी ने पिछले चुनाव में जीते प्रत्याशी को टिकट दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी उन्हें पीलीभीत से मैदान में उतरने के लिए कह चुकी है। मगर, वह अपना टिकट कटवाने की पैरवी में जुटे हैं।