रिपोर्ट: अरुण यादव

आजमगढ़। देशभर के बैंक कर्मचारियों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। द ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन के तत्वाधान में 3 मार्च को संसद के सामने राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी। बैंक कर्मचारियों ने सरकार को साफ चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो 24 और 25 मार्च को देशभर के सभी बैंक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे, जिससे बैंकिंग सेवाओं पर बड़ा असर पड़ सकता है।

बैंक कर्मचारियों की 5  प्रमुख मांगें

  1. बैंकों में पर्याप्त कर्मचारियों की भर्ती की जाए ताकि ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।
  2. संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए ताकि उन्हें स्थायी नौकरी का लाभ मिले।
  3. पांच दिवसीय बैंकिंग प्रणाली लागू की जाए, जिससे कर्मचारियों को उचित कार्य-जीवन संतुलन मिले।
  4. बैंकों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती बंद की जाए, जिससे स्थायी कर्मचारियों की स्थिति मजबूत हो।
  5. यूएफबीयू (United Forum of Bank Unions) की अन्य लंबित मांगों को जल्द पूरा किया जाए।

बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक सिंह ने कहा कि बैंक कर्मचारियों की इन मांगों को लेकर सरकार लंबे समय से उदासीन बनी हुई है। उन्होंने बताया कि 3 मार्च को संसद के सामने देशभर के बैंक कर्मी धरना देंगे। यदि सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो 24 और 25 मार्च को देशव्यापी बैंक हड़ताल होगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

हड़ताल से आम जनता होगी प्रभावित

अगर सरकार और बैंक कर्मचारी संघों के बीच कोई समाधान नहीं निकलता है, तो इस हड़ताल से देशभर के बैंकिंग कार्य प्रभावित होंगे। नकदी निकासी, चेक क्लीयरेंस, लोन प्रोसेसिंग जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं पर असर पड़ सकता है। इससे आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

बैंक कर्मियों का यह आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश है, जिससे उनकी मांगे पूरी हो सकें। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले पर क्या रुख अपनाती है।