
रिपोर्ट:एसपी त्रिपाठी/अरुण यादव
आजमगढ़। ग्राम पंचायतों में विकास को लेकर आए दिन तमाम सवाल खड़े किए जाते हैं। इसी क्रम में सदर तहसील अंतर्गत पल्हनी विकासखंड के ग्राम पंचायत बेलागर ममरखापुर में विकास कार्यों को तो मानो ग्रहण लग चुका है। स्थानीय ग्राम वासियों की माने तो यहां पर बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। इसके अलावा ग्रामीणों की शिकायत पर भी सुनवाई नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी से लेकर ब्लॉक व तहसील के साथ जिला मुख्यालय व लखनऊ तक यहां के विकास कार्यों में गड़बड़ी किए जाने की शिकायत की है और रजिस्ट्री कर सूचना भी मांगी है। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिल सका है।

इसी क्रम में सोमवार को यहां के दर्जनों की संख्या में ग्रामीण लामबंद हो गए और ग्राम पंचायत के प्रधान पर कई सवाल खड़े कर दिए। चाहे बीडीसी शंकर राम हो या पूर्व प्रधान कमल चौहान या पिछले पंचायत में प्रधान पद पर दूसरे स्थान पर रहे सुनील गिरी व अन्य ग्रामीण सभी लोग, अपनी अपनी शिकायतों का पिटारा खोल दिए। लोगों का कहना है कि यहां पर इतने बड़े ग्राम पंचायत में करीब 100 की संख्या में सीमेंटेड कुर्सी प्रस्तावित थी और जिसका पैसा भी आ गया। लेकिन अभी तक एक भी कुर्सी नहीं लगी।जबकि अब कार्यकाल अंतिम दौर में है। जिले के कई ग्राम पंचायत में जाकर देखा जा सकता है कि वहां के ग्राम प्रधानों ने कितने विकास कार्य किये और वहां ग्राम पंचायत की तरफ से आम लोगों के लिए जगह-जगह कुर्सियां लगाई गई है। लेकिन इस ग्राम पंचायत में ऐसा कुछ नहीं है। वहीं चक मार्ग के निर्माण में भी गड़बड़ी की जा रही है और जहां पत्थर गड़ा है, जहां से मार्ग प्रस्तावित है, उसके उलट काम किया जा रहा है। इसके अलावा मिट्टी भी जहां से निकाली जानी है वहां से ना निकल कर पोखरे के किनारे से निकाली जा रही है और जेसीबी से इसका कार्य किया जा रहा है। जबकि यह कार्य मनरेगा के अंतर्गत मजदूरों द्वारा किया जाना है। यह कार्य रात के अंधेरे में किया जाता है। ताकि कोई देख न सके। वही स्ट्रीट लाइट भी यहां ग्राम पंचायत में डेढ़ सौ की संख्या में पास है लेकिन मात्र डेढ़ दर्जन लिए ही लग पाई हैं। वहीं दलित महापुरुषों के लिए प्रस्तावित स्थल पर जबरन ग्राम प्रधान व लेखपाल की साजिश से जल निगम के द्वारा पानी की टंकी लगवाई जा रही है। विरोध करने पर महिलाओं पर पुलिस कार्रवाई की गई।