लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार (State Teacher Award) के लिए एक जनवरी से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है लेकिन अभी तक एक भी आवेदन फार्म नहीं आया है। 15 फरवरी आवेदन की अंतिम तारीख है और जिलों से फार्म न भरवाए जाने पर स्कूली शिक्षा महानिदेशालय ने सख्त नाराजगी जताई है। सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है।

अभी तक प्रेरणा पोर्टल पर 636 शिक्षकों का पंजीकरण कराया गया है, लेकिन अभी तक एक भी शिक्षक का आवेदन फार्म नहीं भरा गया है। हर जिले से न्यूनतम तीन-तीन शिक्षकों के नाम भेजे जाने हैं और इसमें से राज्य स्तरीय कमेटी एक-एक शिक्षक का चयन करेगी। प्रदेश भर से कुल 75 अध्यापक सम्मानित किए जाएंगे।

पांच जिले जिसमें देवरिया, जालौन, मैनपुरी, संभल व सोनभद्र से तीन-तीन और सात जिले जिसमें अलीगढ़, बागपत, हापुड़, कन्नौज, मेरठ, मुजफ्फरनगर व पीलीभीत कुल चार-चार शिक्षकों के पंजीकरण कराए गए हैं। ऐसे में जिला स्तर से तीन-तीन शिक्षकों के नाम राज्य चयन कमेटी को भेज पाना ही कठिन होगा।

उप शिक्षा निदेशक (प्राइमरी) संजय कुमार उपाध्याय की ओर से सभी बीएसए को पत्र भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। निर्धारित तारीख तक उपयुक्त आवेदन न होने पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य अध्यापक पुरस्कार पाने वाले शिक्षक की सेवानिवृत्ति की आयु दो वर्ष बढ़ाई जाती है।