रिपोर्ट: अरुण यादव

आजमगढ़। जिले के नरौली स्थित रामा हॉस्पिटल एक बार फिर लापरवाही के आरोपों में घिर गया है। आरोप है कि पित्त की पथरी के ऑपरेशन में डॉक्टर अमित सिंह ने लापरवाही बरती । जिससे मरीज की हालत खराब हुई और उसकी वाराणसी के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। घटना से आक्रोशित लोगों ने रमा हॉस्पिटल के सामने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। मौके पर पहुची पुलिस को पीड़ित परिजनों ने हॉस्पिटल के डॉक्टर अमित सिंह के खिलाफ तहरीर दी है।

जीयनपुर थाना क्षेत्र के कन्जरा दिलसादपुर गांव निवासी विन्दू देवी पाल ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया है कि उनके पति भुवाल चौहान की पित्त की थैली में पथरी थी। 16 जून 2025 को इलाज के लिए वे रामा हॉस्पिटल ले गए, जहाँ डॉक्टर अमित सिंह ने कहा कि यह एक साधारण ऑपरेशन है और मरीज जल्द ही ठीक हो जाएगा। ऑपरेशन की अनुमति लेने के बाद उसी दिन भर्ती कर ऑपरेशन कर दिया गया।

ऑपरेशन के बाद उनकी हालत बिगड़ती गई, लेकिन इसके बावजूद डॉक्टरों ने मरीज को 20 जून को डिस्चार्ज कर दिया और कहा कि घर पर आराम करने से सब ठीक हो जाएगा। लेकिन स्थिति और खराब हो गई। परिजन मरीज को लेकर वाराणसी के निजी हॉस्पिटल पहुंचे, जहाँ इलाज के दौरान 28 जून की सुबह को मौत हो गई।

मरीज की मौत से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने रमा हॉस्पिटल के सामने शव को रखकर प्रदर्शन किया । विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाने का प्रयास शुरू किया। प्रदर्शन के कारण सड़क पर आवागमन बाधित हो गया, जिससे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई। पुलिस ने परिजनों से शांति बनाए रखने की अपील की और मामले की जांच का आश्वासन दिया। फिलहाल, पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने और परिजनों के साथ बातचीत कर समाधान निकालने में जुटी है।

परिजनों का आरोप है कि रामा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने न तो सही तरीके से जांच की और न ही ऑपरेशन के बाद इलाज में गंभीरता दिखाई। सिर्फ़ पैसे कमाने की लालच में मरीज की जान से खिलवाड़ किया गया।

बताते चले कि अभी एक सप्ताह पहले ही रमा हॉस्पिटल के डॉक्टर तौहीद अहमद के खिलाफ सिधारी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। आरोप है कि मरीज से 5 घंटे में दवा और इलाज के नाम पर 50 हज़ार वसूला गया बावजूद इसके मरीज की जान नहीं बच सकी।