
रिपोर्ट: अरुण यादव
आजमगढ़। जिले के कंधरापुर थाना क्षेत्र के गयासपुर गांव में घर से सामान लेने गई मासूम बच्ची का शव दूसरे दिन सरसों के खेत में मिलने के मामले कासनसनीखेज खुलासा करते हुए पुलिस ने मृतक मासूम के पिता, बहनोइ व दोस्त को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दावा किया कि मासूम बच्ची के पिता ने ही अपनी बेटी की गमछे से गला घोंट कर हत्या किया था और भ्रमित करने के लिए थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।
कंधरापुर थाना क्षेत्र के गयासपुर गांव निवासी प्रीति निषाद सात वर्ष पुत्री विजय शनिवार को घर पर थी। वह शाम करीब पांच बजे घर से 200 मीटर दूर दुकान पर सामान लेने गई थी। काफी देर बाद जब वह घर नहीं लौटी तो पिता विजय उसकी तलाश करने लगे, लेकिन वह नहीं मिली। इसके बाद पिता ने थाने में बेटी के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराया। पुलिस मामले की जांच कर रही थी। जाँच व साक्ष्य संकलन से मुकदमा उपरोक्त मे वादी विजय निषाद के द्वारा ही अपनी लडकी प्रीती निषाद का गला घोंट कर हत्या करना पाया गया है, व उसके सहयोग करने वाले अभियुक्तो सेवक निषाद व जनई यादव का शामिल होना पाया गया।
साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस ने विजय प्रताप निषाद पुत्र स्व0 मनदेव निषाद ग्राम व पो0 गयासपुर थाना कन्धरापुर को ग्राम गयासपुर स्थित सरसो के खेत में से , जनई यादव पुत्र स्व0 रामचेत यादव निवासी गयासपुर थाना कन्धरापुर और सेवक निषाद पुत्र स्व0 मुराती निषाद निवासी बहेरा थाना अहरौला जनपद आजमगढ को सेहदा अन्डर पास के नीचे से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में मृतक मासूम के पिता ने बताया कि मै अपनी पत्नी से परेशान हो गया था वह मुझे छोड़कर अपने मायके चली गयी थी तथा अपने साथ अपने एक बच्चे को लेकर चली गयी थी मैने उसे कई बार फोन करके वापस आने को कहा किन्तु वह नही आयी, जिसके कारण योजना के तहत मैने अपनी पुत्री प्रीती निषाद उम्र करीब 07 वर्ष को सुर्ती मंगाने के लिए दुकान पर भेजा और वापस आते समय रास्ते में अपनी पुत्री को सरसो के खेत मे ले जाकर गला दबा कर एंव गमछे से मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दिया । जिसकी जानकारी मेरे बहनोई सेवक निषाद व मेरे मित्र जनई यादव को थी। इन लोगो द्वारा मेरे इस कार्य मे सहयोग किये थे और दूर पुलिया पर खड़े होकर आने जाने वाले पर निगाह रखे थे। मैने अपनी पुत्री की हत्या कर उसका शव छिपा दिया था और अपने बचने के लिए थाने पर जाकर झूठी कहानी बनाकर अपहरण का मुकदमा लिखवा दिया था ।