
अयोध्या। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी हैट्रिक लगाने से चूक गई। वहीं पहली बार उपचुनाव जीतकर भाजपा ने भी खाता खोला है। वहीं, 2004 के उपचुनाव में मिली करारी हार का भी भाजपा ने बदला ले लिया है।
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर पहले भी दो उपचुनाव हो चुके हैं। सपा विधायक रहे मित्रसेन यादव के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई सीट पर पहला उपचुनाव 1998 में हुआ था। उस समय सपा ने मौजूदा रुदौली विधायक रामचंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव में सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा हार गई और रामचंद्र यादव 36908 वोट पाकर जीत गए थे।
2004 में विधायक रहे आनंदसेन यादव के इस्तीफे के बाद फिर से यह सीट रिक्त हुई तो रामचंद्र यादव दोबारा सपा प्रत्याशी बने। इस बार बसपा से आनंदसेन यादव और भाजपा से देवेंद्र मणि त्रिपाठी चुनाव लड़े। सत्तारूढ़ पार्टी सपा ने इस चुनाव में शक्ति प्रदर्शन किया और रामचंद्र यादव को 89,116 वोट मिले। जबकि 54098 वोट पाकर आनंदसेन यादव चुनाव हार गए। इस चुनाव में भाजपा की जमानत जब्त हो गई और 6751 मतों से संतोष करना पड़ा।
इस तरह पूर्व के दो उपचुनाव जीतकर सपा हैट्रिक लगाने की फिराक में थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। हैट्रिक लगाना तो दूर, 2004 का अपना ही रिकॉर्ड नहीं तोड़ सकी और उस चुनाव में लगभग 5000 वोट कम मिले। वहीं, चुनाव जीतकर भाजपा ने उपचुनाव में खाता तो खोला ही है, 2004 की करारी हार का भी बदला लिया है।