
लखनऊ। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मंगलवार को बजट पर चर्चा के दौरान तंज कसते हुए कहा कि एक संत के सीएम बनने पर दार्शनिक प्लेटो का सिद्धांत याद आ गया था कि संत सबको साथ लेकर चलता है। लेकिन आपकी कार्यशैली में सद्भाव और समानता नहीं है। आप उस विचारधारा से दूर चले गए। समाज में दूरियां हो गई हैं। समाज को साथ लेकर चलने वाला संत सांप्रदायिक हो गया। उन्होंने कहा कि मेरे इस बयान की आलोचना भी होगी। कबीर का दोहा सुनाया, ‘ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोए, औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए’।
नेता प्रतिपक्ष ने अपने संबोधन में बजट की कर्मियों को सिलसिलेवार तरीके से गिनाया। उन्होंने कहा कि आपने पिछला बजट ही अभी तक खर्च नहीं किया है। उसमें भी अधिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जो पूरा नहीं हो सका। इस बार भी बजट में अधिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य जनता से ही पैसा वसूलकर पूरा हो पाएगा। आपने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में जो घोषणाएं की थी, वह पूरी नहीं हुईं। विधवा पेंशन की धनराशि नहीं बढ़ाई। सरकारी नौकरियों में महिलाओं की संख्या दोगुनी नहीं हुई। छात्रवृत्ति का बजट भी नहीं बढ़ाया। आपने हर ब्लॉक में आईटीआई बनाने की योजना शुरू की थी। जो बन चुके हैं, वो संचालित नहीं हो रहे हैं। शिक्षकों के हजारों पद रिक्त हैं। बच्चों को पढ़ाना आपकी जिम्मेदारी है। सड़कों और भवनों के निर्माण में भ्रष्टाचार हो रहा है।
पीडीए से डरिए नहीं
उन्होंने कहा कि पीडीए का नाम सुनकर आप चिढ़ जाते हैं। निजीकरण को बढ़ावा देकर उनके आरक्षण को खत्म करने की तैयारी है। नगर विकास मंत्री ने कहा कि स्वर्ग आ गया है। पहले पता होता तो अपने गांव के लोगों को महाकुंभ की जगह मंत्री के पास ही भेज देते। आप लोग पीडीए के बल पर जीतकर आते हैं और बाद में उसे ही गाली देते हैं। पीडीए से डरिए नहीं। सारे उपचुनाव जीत कर इठला रहे हैं। चुनाव में दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए। पुलिस प्रशासन के प्रभाव से चुनाव लड़ा जाएगा तो पार्टी और आम कार्यकर्ता कहां जाएगा। जिस तरह भय के वातावरण में उपचुनाव हुआ, उससे तो किसी दिन कोई तानाशाह आएगा और हमें कान पकड़कर बाहर कर देगा।
मस्जिदों में मंदिर तलाश रही सरकार
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को संविधान ने तमाम अधिकार दिए हैं। कितने मदरसों को बंद कराया जा चुका है। सरकार की नीयत मस्जिदों में मंदिर खोजने की है। कलेक्टर किसी जगह नया मंदिर या मस्जिद बनाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। अगर संविधान की मान्यता नहीं रहेगी तो लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा। हम और आप फिर यहां नहीं बैठेंगे और तानाशाही आ जाएगी। वहीं नमागि गंगे परियोजना पर कहा कि वर्तमान में 225 नाले नदी में मिल रहे हैं। गंगा हमारी जीवनधारा है। संस्कृति का आधार है। मेरठ के गांधी आश्रम की भूमि का प्रकरण भी उठाते हुए कहा कि कुछ लोग उसे बेचना चाहते हैं। सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए।