लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने रविवार को 72 जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। इसमें महिलाओं की महज सात फीसदी हिस्सेदारी है। लेकिन, इसमें एक दिलचस्प बात यह है कि इस बार भाजपा ने एक नया दांव खेला है। सपा के गढ़ मैनपुरी में किला भेदने के लिए ममता राजपूत को कमान सौंपी है। यह पहली बार है जब भाजपा ने मैनपुरी में किसी महिला को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। 

‘बेटी बचाओ… बेटी पढ़ाओ’, मंच से महिला सम्मान की बात करने वाली भाजपा ने संगठन में स्थान देने में महिलाओं का भी ठीक ध्यान रखा। हालांकि अभी 26 जिलों की सूची बाकी है। देखने वाली बात यही होगी कि क्या उस सूची में भी कुछ महिलाओं को स्थान मिलेगा। 

सामंजस्य बैठाने की कोशिश

रविवार को जारी भाजपा जिलाध्यक्षों की सूची में ब्राहम्ण, क्षत्रिय, ओबीसी और एससी के साथ सामंजस्य बैठाने की कोशिश की गई है। हालांकि यहां पर देखने वाली बात यह है कि भाजपा ने अपनी विचारधारा के अनुरूप ही किसी भी मुस्लिम को जिले की कमान नहीं दी है। इससे यह साफ है कि पार्टी अपने सिद्धांतों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी।  

ज्ञात हो कि भाजपा संगठन के चुनाव की प्रक्रिया पिछले साल में शुरू हुई थी। उस समय मंडल अध्यक्षों का चुनाव दिसंबर और जिलाध्यक्षों का चुनाव जनवरी के अंत तक कराने की समय सीमा तय की गई थी। लेकिन, मंडल अध्यक्षों का चुनाव ही जनवरी में संपन्न हो पाया। तमाम जिलों की सूची में शामिल नाम पर सवाल भी उठने लगे थे। 

साथ ही सूची पिछड़े, दलित और महिलाओं की भागीदारी की कमी रह गई थी। इस पर शीर्ष नेतृत्व ने आपत्ति जताई थी। ऐसे में प्रदेश स्तर पर संगठन मंत्री ने एक-एक सूची की गहनता से परीक्षण कर सभी विसंगितियों को दूर करके सूची तैयार कराई है। अब मार्च महीने की 16 तारीख को यह घोषणा हो पाई है।