आजमगढ़। जिले में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सक्रियता के चलते दो महत्वपूर्ण साइबर फ्रॉड प्रकरणों में पीड़ितों की धनराशि सुरक्षित रूप से उनके खातों में वापस कराई गई। इन घटनाओं में पीड़ितों ने अनजाने में संदिग्ध लिंक या फाइल इंस्टॉल कर दी थी, जिससे उनके खातों से रकम अज्ञात लोगों द्वारा डेबिट हो गई थी। पुलिस की तत्परता और तकनीकी जांच के कारण कुल ₹92,937.50 की राशि रिकवर की गई और पीड़ितों को वापस की गई।

साइबर जागरूकता एवं साइबर अपराध नियंत्रण अभियान के तहत थाना निजामाबाद पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है बीते 9 सितंबर को पीड़ित मोहम्मद आजम पुत्र मोहम्मद इसराइल निवासी फरिहा, थाना निजामाबाद के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया खाते से बिना जानकारी के ₹94,937 की धनराशि कट गई। जांच में पता चला कि आवेदक ने व्हाट्सएप के माध्यम से एक .apk फाइल इंस्टॉल कर ली थी, जिससे मोबाइल का एक्सेस फ्रॉडस्टर को मिल गया। आरोपी ने SMS बमबिंग के जरिए OTP और UPI लिंकिंग संदेशों को छिपाकर ₹94,937 की धोखाधड़ी कर दी।

साइबर टीम की तकनीकी जांच और बैंक नोडल अधिकारियों के सहयोग से ₹10,000 PayU पेमेंट गेटवे तथा ₹72,937.50 Ease Buzz पेमेंट गेटवे के माध्यम से कुल ₹82,937.50 की राशि सफलतापूर्वक आवेदक के खाते में वापस कराई गई। आवेदक ने पुलिस की तत्परता के लिए आभार व्यक्त किया।

इसी क्रम में सिधारी थाने में आवेदिका करिश्मा गोंड पुत्री सुबाष गोंड निवासी शाहगढ़ ने विदेश वीज़ा संबंधी जानकारी के लिए अपना मोबाइल ऑनलाइन रजिस्टर किया था। इसी दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसे झांसे में लेकर ₹10,000 की ठगी की। पीड़िता ने दस अक्तूबर  को NCRP पर शिकायत दर्ज कराई। थाना सिधारी की साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बैंक और पेमेंट गेटवे के माध्यम से ₹10,000 की राशि सफलतापूर्वक आवेदिका के खाते में वापस कराई।

आजमगढ़ पुलिस ने लोगों  से अपील किया  कि लोग  किसी भी संदिग्ध लिंक या .apk फाइल को डाउनलोड न करें और किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी होने पर तुरंत 1930 पर शिकायत करें या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।