
रिपोर्ट: अरुण यादव
आजमगढ़ । काशी की प्रसिद्ध रंगभरी एकादशी की झलक अब आजमगढ़ में भी दिखने लगी है। जहां जिले में दुर्गा शक्ति सेवा ट्रस्ट के बैनर तले शहर के प्राचीन बड़ा गणेश मंदिर में रंगभरी एकादशी पर फूलों की होली का आयोजन किया गया। इस आयोजन में संगठन की महिलाओं ने एक दूसरे पर न सिर्फ पुष्प वर्षा कर होली खेली बल्कि डीजे की धुन पर थिरकती भी दिखी। कार्यक्रम में कुछ महिला पुलिस कर्मियों को सम्मानित भी किया गया।
दुर्गा शक्ति ट्रस्ट की अध्यक्ष पूजा सिंह ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती का गौना कराकर काशी यानी बनारस लेकर आए थे। कहते हैं कि महादेव और माता पार्वती के काशी आने की खुशी में देवता-गणों ने दीप-आरती के साथ फूल, गुलाल और अबीर उड़ाकर उनका स्वागत किया था। तब से ही फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन भोलेनाथ और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और गुलाल-अबीर उड़ाकर होली खेली जाती है। इस दिन को रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव माता पार्वती के साथ काशी आते हैं और देवी मां को नगर भ्रमण कराते हैं। इसके अलावा भगवान के चरणों में अबीर-गुलाल चढ़ाया जाता है। आजमगढ़ जिले में रंगभरी एकादशी का आयोजन पहली बार किया जा रहा है। इसका उपद्देश्य पौराणिक मान्यताओं से लोगों को अवगत करना है।