
आजमगढ़। जिले के तरवां थाना क्षेत्र के विशुनपुर गांव में उत्पीड़न और हत्या का एक मामला सामने आया है। एक युवक ने अपनी नाबालिग बहन की हत्या और दूसरी बहन को जहर देने का गंभीर आरोप लगाते हुए छह लोगों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम), आजमगढ़ की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। कोर्ट के आदेश पर तरवां पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी अनुसार, तरवां थाना क्षेत्र के विशुनपुर गांव निवासी आलोक (26) ने प्रार्थना पत्र में बताया कि उनकी नाबालिग छोटी बहन ज्योति कक्षा 10 की छात्रा थी। उसको 6-7 साल पहले आरोपी सोनू ने अन्य आरोपियों दुन्नू, रुकमीना देवी, रानी, मोनू उर्फ मंजीत और अर्जुन के साथ मिलकर साजिश के तहत भगा लिया था।
उस समय पुलिस ने कथित तौर पर आरोपियों के प्रभाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में, ज्योति का सोनू के साथ जबरन विवाह करा दिया गया। आलोक ने आरोप लगाया कि विवाह के बाद ज्योति को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा।
सोनू और अन्य अभियुक्त मोटरसाइकिल, अंगूठी और चेन की मांग करते थे। ज्योति ने मजबूरी में उत्पीड़न सहन किया और 11 अगस्त 2024 को उसने एक पुत्र को जन्म दिया। लेकिन 3 जनवरी 2025 की रात करीब 10 बजे, ज्योति और उनकी दूसरी बहन पूजा सोनू के घर पर थी, जो अपने भतीजे की देखभाल के लिए सोनू के किराए के मकान पर गई थीं। दोनों की अचानक तबीयत बिगड़ गई।
आलोक ने बताया कि सोनू ने दोनों को दवा दी, जिसके बाद वे बेहोश हो गईं। ज्योति का नवजात बच्चा जोर-जोर से रो रहा था, लेकिन सोनू ने दरवाजा बंद कर कोई मदद नहीं की। सूचना पर आलोक और उनके परिवार के लोग मौके पर पहुंचे।
पड़ोसियों की मदद से खिड़की तोड़कर कमरे में प्रवेश किया गया, जहां ज्योति और पूजा बेहोश पड़ी थीं। दोनों को तुरंत पीजीआई चक्रपानपुर ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने ज्योति को मृत घोषित कर दिया। पूजा की गंभीर हालत को देखते हुए उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया।
कई दिनों के इलाज के बाद पूजा की हालत में सुधार हुआ। वहीं, आलोक और उनके परिवार का दावा है कि सोनू और अन्य आरोपियों ने साजिश रचकर ज्योति को जहर देकर मार डाला और पूजा को भी साक्ष्य मिटाने के लिए जहर देने की कोशिश की, लेकिन पूजा की जान बच गई।
आलोक ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी अब भी उनके परिवार को गालियां दे रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। आलोक ने बताया कि उन्होंने और उनकी मां उर्मिला ने घटना की शिकायत थाना तरवां और पुलिस अधीक्षक से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसके बाद, उन्होंने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर थानाध्यक्ष तरवां को मुकदमा दर्ज करने और जांच करने का आदेश देने की मांग की। कोर्ट ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए तरवां पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।