महाकुंभ नगर। महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के मौके पर दोपहर सवा बजे के आसपास एक ओर जहां संगम और गंगा के घाटों पर चल रहे स्नान के बीच लोगों को एकाएक तीन हेलीकॉप्टर एक साथ आते दिखाई दिए। एकबारगी लोगों को यही लगा कि यह हेलीकॉप्टर श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करने के लिए आए हैं, लेकिन लोगों का यह अनुमान गलत निकला। क्योंकि हेलीकॉप्टर के जाते ही दो लड़ाकू विमान वहां से निकले।

यह देखते हुए वहां हजारों सिर आसमान की तरफ उठ गए। वहां तालियां बजने लगी और हर हर महादेव का उदघोष भी तेज हो गया।दरअसल महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर्व के दौरान भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पूरे आयोजन को विशेष अंदाज में महासलामी दी। वायुसेना के विमानों की तेज गर्जना सुन श्रद्धालुओं ने आसमान की ओर देख वहां तालियां बजानी शुरु कर दी।

इस दौरान लोग जय श्री राम, हर हर गंगे, हर हर महादेव के लोगों ने खूब जयकारे भी लगाए। तमाम लोग इस ऐतिहासिक पल को अपने मोबाइल फोन में कैद करने लगे। दोपहर बाद संगम नोज के ऊपर हुए एयर शो के वीडियो एवं फोटो सोशल मीडिया में खूब छा गई।

अमूमन संगम नोज के ऊपर से हर रोज कई बार हेलीकॉप्टर पर्यटकों को सैर कराते हैं, लेकिन आज जो तीन हेलीकॉप्टर कलाबाजी करते हुए एक साथ आए वह सामान्य हेलीकॉप्टर से अलग थे। मालूम पड़ा कि वह चेतक हेलीकॉप्टर है। इनका उपयोग एयर शो के दौरान ज्यादा होता है। इसके बाद दो एएन-32 विमान ने अरैल की ओर से प्रवेश किया। इसके आते ही यह तकरीबन तय हो चुका था कि महाकुंभ में एयरफोर्स द्वारा एयर शो दिखाया जा रहा है। एएन-32 के जाते ही अचानक सुखोई की गर्जना से पूरा महाकुंभ क्षेत्र गूंजा उठा। इस विमान ने आसमान में कलाबाजियां भी दिखाई।

बताया जा रहा है कि मेला प्रशासन के विशेष आग्रह पर ही वायुसेना ने महाकुंभ के समापन पर विमानों द्वारा अपनी महासलामी दी। हालांकि तमाम लोगों में इस बात का अफसोस था कि इस कार्यक्रम की पूर्व में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता एवं ग्रुप कैप्टन समीर गंगाखेडकर ने बताया कि उन्हें भी एयर शो के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। यह अचानक ही हुआ। वायुसेना के शौर्य और पराक्रम ने इस महापर्व के समापन को ऐतिहासिक बना दिया।